
उत्तर बंगाल में मॉनसून की बारिश इस बार राहत नहीं, तबाही लेकर आई है। दार्जिलिंग के मिरिक और सुखिया पोखरी इलाकों में हुए भूस्खलन में अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है। कुछ और शवों की तलाश जारी है।
दुधिया में बालासन नदी पर बना पुराना लोहे का पुल बह गया है, जिससे संपर्क मार्ग बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
दार्जिलिंग जिला पुलिस रेस्क्यू में जुटी
कुर्सियांग के एडिशनल एसपी अभिषेक ने बताया कि “दार्जिलिंग जाने वाले मुख्य रास्ते — दिलाराम, रोहिणी रोड और पनकाहाबरी रोड — या तो बंद हैं या जर्जर। टूरिस्ट्स को तिनधारिया रोड से निकाला जा रहा है।”
टाइगर हिल और रॉक गार्डन भी बंद, टॉय ट्रेन पर ब्रेक
दार्जिलिंग आने वाले टूरिस्ट्स के लिए बुरी खबर है। GTA (Gorkhaland Territorial Administration) ने भारी बारिश को देखते हुए टाइगर हिल, रॉक गार्डन जैसे लोकप्रिय टूरिस्ट स्पॉट और दार्जिलिंग टॉय ट्रेन सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी हैं।
बीजेपी सांसद राजू बिस्ता बोले: मदद को तैयार हैं
दार्जिलिंग से सांसद राजू बिस्ता ने X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए बताया:
“मौतें, संपत्ति और बुनियादी ढांचे को नुकसान बेहद दुखद है। हम लोगों की मदद के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।”
उन्होंने सभी राजनीतिक और सामाजिक संगठनों से मिलकर काम करने की अपील भी की है।

सड़कें बंद, यातायात ठप — पर्यटन पर असर साफ़
NH-10 से कई निचले इलाके जलमग्न हो चुके हैं। दार्जिलिंग और सिक्किम के बीच यातायात पर सीधा असर पड़ा है। स्थानीय प्रशासन ने फिलहाल टेम्पररी शेल्टर की जरूरत नहीं बताई, लेकिन हालात तेजी से बदल सकते हैं।
पर्यटकों को सलाह: अभी दार्जिलिंग का प्लान टालें
GTA और जिला प्रशासन ने साफ तौर पर कहा है कि “हालात सामान्य होने तक टूरिस्ट्स दार्जिलिंग यात्रा स्थगित करें।”
पहाड़ों का सुकून फिलहाल स्थगित है
दार्जिलिंग जैसे शांत और खूबसूरत हिल स्टेशन में इस बार कुदरत ने कोप बरसाया है। भूस्खलन और पुलों के टूटने से जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जहां एक तरफ लोग जान गंवा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर टूरिज्म सेक्टर को भी बड़ा झटका लगा है।
प्रशासन अलर्ट पर है, लेकिन पर्यटकों और स्थानीय लोगों को फिलहाल सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।
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